तो होली है !


संजीव शाकिर


सारी रंजिशें भूलकर गले लगाओ तो होली है
यूं ही खिड़की पर देखकर मुस्कुराओ तो होली है

रंग-ओ-गुलाल सा उड़ेंगे हमारे इश्क़ के क़सीदे
'मां' रहने पर भी शाम को घर आओ तो होली है

यार-रिश्तेदार घर-परिवार हर जगह से फोन आए
तुम किसी और नाम से घंटी बजाओ तो होली है

रीमिक्स,पॉप पर बहुत थिरके होंगे पांव तुम्हारे
अब जो फगुआ गाकर ठुमका लगाओ तो होली है

बहुत चखी तुम्हारी जूठी बाइट मकाँ से दुकाँ तक
अपने हाथ की बनी गुजिया खिलाओ तो होली है

ग़ालिबन! सूरत-ए-हाल नहीं तुम्हारे बस में मगर
ऐविं! इक-दूजे के रंग में रंग जाओ तो होली है

दस्तरस में है शाक़िर तिरे फिर अलम की है बात क्या
मैं नीर सा बहूं तुम नाव बन जाओ तो होली है

संजीव शाकिर

....................................................................✍️

INSTAGRAM-

http://www.instagram.com/sanjeev_shaakir

FACEBOOK- 

http://www.facebook.com/sanjeevshaakir 

YOUTUBE-

https://youtu.be/vLT-KbE83os

....................................................................✍️

Comments

  1. . राधा का रंग और कान्हा की ~पिचकारी…
    प्यार के रंग से रंग दो दुनिया सारी~
    यह रंग ना जाने कोई जात ना कोई #बोली…
    मुबारक हो आपको रंगों भारी ये होली ~happy Holi🥰🥰🥰😘😘🎉🎉🔥🔥🙏🙏🙏

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपको भी होली की बहुत सारी शुभकामनाएं! धन्यवाद।

      Delete
  2. होली की ढेर सारी शुभकामनाएं
    साकिर भाई

    ReplyDelete
  3. Happy Holi साकिर भाई 🙏🙏👐👐

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपको भी होली की ढेरों शुभकामनाएं

      Delete
  4. बहुत अच्छा भाई जी

    ReplyDelete
  5. बहुत सुन्दर रचना।

    ReplyDelete
  6. वाह शाकिर साहब आपने तो अपनी लेखनी से रंग जमा दिया। होली मुबारक हो |🙏🙏

    ReplyDelete
  7. होली जैसे मदमस्त

    ReplyDelete

  8. इश्क के क़सीदे आखिर क्यू उड़ेंगे रंग-ओ-गुलाल सा
    इससे तो बेहतर है आप ही के शब्दों में "सारी रंजिशें भूलकर गले लगाओ तो होली है"l
    आपकी यह बहुत ही सुंदर रचना है,
    होली मुबारक हो |


    ReplyDelete

Post a Comment

SANJEEV SHAAKIR

Popular posts from this blog

मजदूर~गाथा

अनकही

'स्त्री'