कहर की काट

प्रिय ग्राहक,
                  ..............🖊️🖊️🖊️

विश्वव्यापी महामारी "कोरोना" जिसने कई बड़े देशों को अपनी गिरफ्त में लेकर उन्हें पंगु बना दिया है, इतना ही नहीं विश्व में जिन महाशक्तियों ने इसे अनदेखा किया वो आज घुटनों पर है।

विगत कुछ दिनों में इस महामारी ने भारत की दहलीज पर भी दस्तक देते हुए अपने कहर के प्रकोप से भारत की अस्मिता को क्षीण करने का भरसक प्रयास किया परंतु सरकारी सुझावों, जनप्रतिनिधियों की जागरूकता, आला अधिकारियों की सक्रियता, विभिन्न विभागों के उनके कार्यों के प्रति कर्तव्यनिष्ठा, एवं आप सभी जनमानस के चैतन्य विवेक के आपसी सामंजस्य ने इस महामारी के पैरों में बेड़ियां डाल कर इसके कुप्रभाव के गति को निश्चित ही सीमित कर रखा है।

जहां एक तरफ स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कर्मचारी भारतीयों के उत्तम स्वास्थ्य की कल्पना करते हुए अपने कार्यों में तल्लीन हैं, सुरक्षा विभाग से जुड़े लोग सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए वचनबद्ध है और सफाई कर्मचारी अपने कर्तव्यों का निर्वाहन बड़ी निष्ठा के साथ कर रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ वैश्विक आपदा की इस मुश्किल घड़ी में राष्ट्र के रीड की हड्डी कहे जाने वाले "वित्तीय विभाग" भी अपनी कमर कस कर, कंधे से कंधा मिलाकर समूचे देश को, अपनी अर्जित गरिमा बनाए रखते हुए, प्रलय के इस भवर से निकालने के लिए प्रतिबद्ध है।

जैसा कि यह सर्वविदित है, कि अभी तक वैश्विक स्तर पर इस बीमारी का कोई भी प्रमाणित उपचार उपलब्ध नहीं हो पाया है, हालांकि तात्कालिक तौर पर मौजूदा संसाधनों एवं औषधियों के प्रयोग से इस जंग में, जिसमें दूसरी तरफ संपूर्ण मानव जाति है, अपनी यथास्थिति को मजबूत बनाए रखने का यथासाध्य प्रयास किया जा रहा है।

परंतु इस प्रलय के प्रकोप के प्रभाव को निष्क्रिय करने की लड़ाई में समस्त जनमानस को निश्चित ही, निस्वार्थ भाव निहित कर, सामाजिक सद्भाव की चेतना से नैसर्गिक न्याय के पथ पर अग्रेषित होना होगा।

ऐसे में एक बैंक कर्मी होने के नाते, बैंक में होने वाले दैनिक लेनदेन एवं अन्य कार्य व्यवहारों में उत्पन्न अवांछित अवरोध के चलते आप लोगों के समझ व्याप्त अनेक परेशानियों की परिकल्पना से मैं परे नहीं हूं, अपितु समस्याओं के समाधान हेतु भिन्न भिन्न प्रकार के योजनापूर्ण प्रबंधन के साथ हम बैंक कर्मी आपकी सेवा में सदैव तत्पर हैं और अंतिम क्षण तक रहेंगे।

साथ ही साथ शाखा में आपके गौरवपूर्ण उपस्थिति को और भी गरिमामयी बनाने के लिए आपका सार्थक सहयोग आकांक्षनीय है, जिसमें मूल रूप से शाखा परिसर में एक साथ अधिकतम 5 ग्राहकों की संख्या, सामाजिक दूरी, बनाए रखते हुए अपेक्षित है।

शाखा प्रदत्त सुविधाओं के अतिरिक्त डिजिटल बैंकिंग के माध्यम की मदद से 24*7 बैंकिंग सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं, जिनमें एटीएम, नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, व अन्य प्रकार की सुविधाओं का व्यापक इस्तेमाल करके स्वयं एवं समाज को सुरक्षित रखने के इस सुनहरे अवसर को भुनाया जा सकता है।

इस संवाद की आखिरी कड़ी में, मैं उन तमाम लोगों का, जिन्होंने इस महामारी को बड़ी गंभीरता से लेते हुए अपने एवं परिवार का ही नहीं बल्कि पूरे मानव समाज के बचाव में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है, हृदय की आंतरिक गहराइयों से धन्यवाद देते हुए उनके चरणों में शत-शत नमन करता हूं क्योंकि-

एक मानव से दूजा मानव
दूजे मानव से जग है।
बाल भी तेरा, ना बांका होगा
गर जनमानस सजग है।।


सदैव आपकी सेवा में तत्पर,
संजीव वर्मा
केनरा बैंक, तेलपा छपरा
🙏🙏🙏🙏🙏

Comments

Post a Comment

SANJEEV SHAAKIR

Popular posts from this blog

मजदूर~गाथा

अनकही

'स्त्री'